Wednesday, August 13, 2014

मेरी पोस्ट ग़ज़ल(समय वह और था यारों) आपका ब्लॉग ए बी पी न्यूज़ में


मेरी पोस्ट ग़ज़ल(समय वह और था  यारों) आपका ब्लॉग ए बी पी न्यूज़ में




मेरी पोस्ट ग़ज़ल(समय वह और था  यारों) आपका ब्लॉग ए बी पी न्यूज़ में


प्रिय   मित्रों मुझे बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि मेरी पोस्ट ग़ज़ल(समय वह और था  यारों) आपका ब्लॉग ए बी पी न्यूज़ में शामिल की गयी है।  आप भी अपनी प्रतिक्रिया से अबगत कराएं। 




http://aapkablog.abplive.in/aapkablog/life-style/2014/7/%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%AF-%E0%A4%B5%E0%A4%B9-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82







समय वह और था यारों


अपने थे, समय भी था, समय वह और था यारों
अब समय पर भी नहीं अपने, मजबूरी का रेला है

हर इन्सां की दुनियाँ में इक जैसी कहानी है
तन्हा रहता है भीतर से, बाहर रिश्तों का मेला है

दिन कैसे दिखाती है पैसोँ की ललक देखों
तन्हा माँ-बाप घर में हैं, उधर बेटा अकेला है

रुपये पैसोँ की कीमत को वह ही जान सकता है
अपने बचपन में गरीबी का जिसने दंश झेला है

इधर ये दिल अकेला है, उधर तन्हा अकेली तुम
बहुत मुश्किल है ये कहना किसने खेल खेला है

जियो ऐसे कि हर इक पल, मानो आख़िरी पल है
हम आये भी अकेले थे और जाना भी अकेला है


मदन मोहन सक्सेना

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