Friday, August 8, 2014

मेरी ग़ज़ल (ज़माने की हकीकत) पायनियर अलायन्स हिंदी न्यूज़ वेव साईट में

मेरी ग़ज़ल (ज़माने की हकीकत) पायनियर अलायन्स  हिंदी न्यूज़    वेव साईट में


  







प्रिय मित्रों मुझे बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि मेरी ग़ज़ल (ज़माने की हकीकत) पायनियर अलायन्स  हिंदी न्यूज़    वेव साईट में शामिल की गयी है।  आप सब अपनी प्रतिक्रिया से अबगत कराएं करायें। लिंक नीचे दिया गया है।


 http://pioneeralliance.in/readmore.php?ms=2143#.U14vH4_kJN2

दुनिया में जिधर देखो हजारो रास्ते दीखते
मंजिल जिनसे मिल जाए बह रास्ते नहीं मिलते

किस को गैर कहदे हम और किसको मान ले अपना
मिलते हाथ सबसे हैं दिल से दिल नहीं मिलते

करी थी प्यार की बाते कभी हमने भी फूलो से
शिकायत सबको उनसे है क़ी उनके लब नहीं हिलते

ज़माने की हकीकत को समझ जाओ तो अच्छा है
ख्बाबो में भी टूटे दिल सीने पर नहीं सिलते

कहने को तो ख्बाबो में हम उनके साथ रहते हैं
मुश्किल अपनी ये है कि हकीक़त में नहीं मिलते


मदन मोहन सक्सेना





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